अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट ने दिया करारा झटका, प्रशांत भूषण ने जताई खुशी.........
महाराष्ट्र के पालघर लिंचिंग मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में रिपब्लिक न्यूज चैनल के संपादक व एंकर अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट ने करारा झटका दिया है। कोर्ट ने गोस्वामी की उन याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराने की गुजारिश की थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस ने ही नहीं, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और जेएनयू की पूर्व छात्र उमर खालिद ने भी खुशी जाहिर की है।
बता दें कि जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस एम. आर. शाह की पीठ ने अपने निर्णय में कहा कि ये एफआईआर खारिज कराने के लिए गोस्वामी को सक्षम कोर्ट के पास अपील करनी होगी। इससे पहले पीठ ने संपादक गोस्वामी को किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से 3 हफ्ते का संरक्षण प्रदान किया था।
प्रशांत भूषण ने कोर्ट के फैसले पर संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा है, 'जिस तरह से जांच चल रही है, उससे आरोपी की नाखुशी को आधार बनाकर मामले को सीबीआई के हवाले नहीं किया जा सकता है।': सुप्रीम कोर्ट ने गोस्वामी के खिलाफ एफआईआर रद्द करने या मामले को सीबीआई के हवाले करने, जो मोदी सरकार चाहती थी, से इनकार कर बेहतरीन फैसला किया है।'
उधर, उमर खालिद ने गोस्वामी की याचिका खारिज होने पर तंज भरा ट्वीट किया है। वह लिखते हैं, 'इन्हें अपना राहु-केतु जांचने की जरुरत है... जबसे इसको कुणाल कामरा फ्लाइट में मिला है, तब से इसका टाइम-इच खराब चल रहा है!'
दरअसल, 14 अप्रैल को महाराष्ट्र के बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर मजदूरों के एकत्र होने पर किए गए टीवी शो के संबंध में गोस्वामी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। इसके साथ ही पालघर में दो साधुओं समेत 3 लोगों की लिंचिंग को सोनिया के साथ जोड़ने पर भी उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हुईं थीं।
महाराष्ट्र के पालघर लिंचिंग मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में रिपब्लिक न्यूज चैनल के संपादक व एंकर अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट ने करारा झटका दिया है। कोर्ट ने गोस्वामी की उन याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराने की गुजारिश की थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस ने ही नहीं, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और जेएनयू की पूर्व छात्र उमर खालिद ने भी खुशी जाहिर की है।
बता दें कि जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस एम. आर. शाह की पीठ ने अपने निर्णय में कहा कि ये एफआईआर खारिज कराने के लिए गोस्वामी को सक्षम कोर्ट के पास अपील करनी होगी। इससे पहले पीठ ने संपादक गोस्वामी को किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई से 3 हफ्ते का संरक्षण प्रदान किया था।
प्रशांत भूषण ने कोर्ट के फैसले पर संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा है, 'जिस तरह से जांच चल रही है, उससे आरोपी की नाखुशी को आधार बनाकर मामले को सीबीआई के हवाले नहीं किया जा सकता है।': सुप्रीम कोर्ट ने गोस्वामी के खिलाफ एफआईआर रद्द करने या मामले को सीबीआई के हवाले करने, जो मोदी सरकार चाहती थी, से इनकार कर बेहतरीन फैसला किया है।'
उधर, उमर खालिद ने गोस्वामी की याचिका खारिज होने पर तंज भरा ट्वीट किया है। वह लिखते हैं, 'इन्हें अपना राहु-केतु जांचने की जरुरत है... जबसे इसको कुणाल कामरा फ्लाइट में मिला है, तब से इसका टाइम-इच खराब चल रहा है!'
दरअसल, 14 अप्रैल को महाराष्ट्र के बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर मजदूरों के एकत्र होने पर किए गए टीवी शो के संबंध में गोस्वामी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। इसके साथ ही पालघर में दो साधुओं समेत 3 लोगों की लिंचिंग को सोनिया के साथ जोड़ने पर भी उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हुईं थीं।
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