लोकेन्द्र सिंह कालवी का पूरा परिचय


पोस्ट को पूरी पढ़ें, नाम नहीं बदलें, सच्चाई को जानें,"
लोकेन्द्र सिंह कालवी :- एक शख्सियत, एक हैसियत,,एक उम्मीद, एक विचार,, आज राजपूत समाज के कर्णधार!,,
लोकेन्द्र सिंह जी कालवी का जन्म 8 अगस्त 1955 को राजस्थान के नागौर जिले के कालवी गाँव में हुआ था,,
पिता जी का नाम कल्याण सिंह जी कालवी
इनके पिता युगपुरुष कल्याण सिंह जी ,,कालवी देश में किसी परिचय के मोहताज नही है,, पूरा समाज आज उनको पूजता है, पूज्य कालवी साहब चंद्रशेखर सरकार में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री रहे थे

वो राजस्थान के पहले व्यक्ति थे जिनको केन्द्र की कैबिनेट में जगह मिली,, 1991 में मात्र 58 वर्ष की आयु में ईश्वर ने हमसे उन्हें छीन लिया,

, लोकेन्द्र सिंह जी कालवी जो कि उनके इकलौते पुत्र है उनको स्वर्गीय कालवी साहब की पगड़ी बंधी,, 1992 से लेकर आज तक उन्होंने अपने पिताजी की खाकी पगड़ी और वेशभूषा,,
और आचरण को जीवन मे अपना लिया,, 1993 में पहली बार लोकेन्द्र सिंह जी कालवी ने राजपूत आरक्षण की बात उठाई थी,
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 लोकेन्द्र सिंह जी कालवी भाजपा की राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य थे,,,
 राजस्थान में मारवाड़ में विधानसभा ,,चुनाव की टिकट वितरण समिति के प्रमुख थे,,,

 कालवी साहब ने भाजपा के टिकट पर 1998 में अपने पिताजी की परंपरागत सीट बाड़मेर-जैसलमेर से लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन भितरघात की वजह से हार गये,,
1999 में अटल बिहारी वाजपेयी ने राजस्थान के जाटों को ओ.बी.सी में आरक्षण दे दिया,, राजस्थान में जाट संख्या में राजपूतों से ज्यादा है और संपन्न भी है इससे आहत होकर कालवी साहब ने भाजपा में रहते हुये इसका पुरजोर विरोध किया और भाजपा से इस्तीफा दे दिया,,

और अटल जी के विरोध में खड़े हो गये,, अटल जी को प्रधानमंत्री रहते हुये भी कालवी साहब की अगुवाई में राजपूतों के भारी विरोध की वजह से सिर्फ 2 मिनिट में ही सीकर में भाषण खत्म करके जाना पड़ा,, राजस्थान की राजनीति में भूचाल आ गया, भैरों सिंह जी शेखावत समेत सब भाजपा के राजपूत नेताओं ने कालवी साहब को मनाने की कोशिश की,

, कालवी साहब नहीं माने, जबकि कुछ दिन पूर्व ही पोकरण के परमाणु विस्फोट में भैरोंसिंह जी शेखावत,, प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मंच संचालन का जिम्मा कालवी साहब संभाल रहे थे,, लेकिन समाज के लिये एक मिनट में राजनैतिक परित्याग कर दिया, राजपूत ,ब्राह्मण और सामान्य वर्ग के आरक्षण के लिये देवी सिंह जी भाटी के साथ सामाजिक न्याय मंच बनाया,,

2003 का विधानसभा चुनाव भी सामाजिक न्याय मंच के बैनर पर लड़ा,, लेकिन कट्टर राजपूत छवि होने की वजह से ज्यादा सफलता नहीं मिली, 2003 में राजस्थान में भाजपा की सरकार बनी, ,,


2004 में देवी सिंह जी भाटी के पुत्र पूर्व सांसद महेन्द्र सिंह जी भाटी एक सड़क दुर्घटना में काल का ग्रास बन गये,,, इससे पहले की दुर्घटना में देवी सिंह जी के एक पुत्र और धर्मपत्नी का स्वर्गवास हो गया था,,,

देवी सिंह जी भाटी इस घटना से बहुत ज्यादा टूट गये,,, 2 वर्ष तक कालवी साहब और देवी सिंह जी भाटी सामाजिक कार्यक्रम से दूर रहे,,,

जून 2006 में सामाजिक न्याय मंच के विधायक देवी सिंह जी भाटी भाजपा में शामिल हो गये और कालवी साहब ने समाज सेवा की राह चुन ली,,
23 सितम्बर 2006 को राजपूत समाज के 11 मुददों को लेकर श्री राजपूत करणी सेना का गठन किया,, करणी सेना ने समाज के हर गरीब की लड़ाई लड़ी,, इतिहास के विखंडन पर सड़कों पर लड़ाई लड़ी,, आरक्षण के लिये आज तक संघर्ष जारी है, ,आरक्षण के लिये श्री राजपूत करणी सेना ने 2006 से लगातर हर सरकार के सामने सामान्य वर्ग और राजपूत समाज के आरक्षण के लिये बहुत बड़े आंदोलन किये,,,,

लेकिन किसी भी सरकार ने आरक्षण पर ठोस कदम नहीं उठाया, यही वजह है कि करणी सेना ने लगातार राजस्थान में सत्ता परिवर्तन किया, सरकार चाहे भाजपा की रही हो या कांग्रेस की कालवी साहब और करणी सेना से हर सरकार ने आरक्षण का वादा करके वोट लिये लेकिन वादा निभाया नहीं,, इस बार भाजपा की पूर्ण बहुमत की केन्द्र की सरकार और प्रचण्ड बहुमत की राजस्थान सरकार से भी करणी सेना ने राजपूत समाज और सामान्य वर्ग को आरक्षण की उम्मीद की थी लेकिन किसी भी सरकार ने सुनवाई नहीं की!

कालवी साहब ने हर सरकार के खिलाफ खड़े होकर संघर्ष किया,,, और 1999 से आज तक लगातार संघर्ष कर रहे है पूरे देश में शायद ही ऐसा उदाहरण हो कि एक केन्द्रीय मंत्री के बेटे ने समाज के लिये 20 वर्ष से कोई चुनाव नहीं लड़ा हो, समाज के लिये राज्यसभा, राज्यपाल जैसे पदों को ठोकर मार दी हो,,, 65 वर्ष की उम्र में भी आज एक युवा जैसा जोश हो, ,,3500 बीघा जमीन और अरबों की संपत्ति के मालिक राजसी वैभव और ऐश-आराम को छोड़कर एक-एक राजपूत को जगाने

हर घर , ,,हर ढाणी में 20 वर्ष से लगातार घूम रहे हों, ,,देश के एकमात्र व्यक्ति जो सार्वजनिक सभा मे अपने पिताश्री की तरह कहते हो ", जो अपनी जात का नहीं,,, वो अपने बाप का नहीं और जो बाप का नहीं वो राष्ट्र का कैसे हो सकता है",, आज एक विधायक भी अपने समाज की बात नहीं कर सकता, ,,,लेकिन एक मात्र शख्सियत जो सरकारों से टकराने की हिम्मत कर रहे है,,, SC/ST एक्ट हटाने की बात कर रहे है,,, आरक्षण की समीक्षा की पुरजोर माँग कर रहे है, ,,

अयोध्या में राममन्दिर नहीं ,,,भगवान राम का राजमहल बनाने की बात कर रहे है!, लेकिन कुछ राजपूत समाज के लोग ही आज भी खुद को चमकाने के लिये अपने ही समाज के भीष्म पितामह कालवी साहब से सवाल करते है, ,,खैर इस देश के किसी समाज या पार्टी के नेता में हिम्मत नहीं कि कालवी साहब के लिये एक शब्द बोल सके, ,,

आज जाट हनुमान बेनीवाल के साथ खड़े है, गुर्जर सचिन पायलट के साथ खड़े है,,, मीणा किरोड़ीलाल के साथ खड़े है,,, यादव लालू और मुलायम के साथ खड़े है मुस्लिम ओवैसी के साथ खड़े है,,, दलित मायावती और पासवान के साथ खड़े है ,,और सबसे बड़ी बात पाटीदार एक 24 साल के लड़के हार्दिक पटेल के साथ खड़े है,,, ठाकोर समाज के लोग आज अल्पेश ठाकोर के साथ खड़े है,,,

देश का अधिकांश राजपूत भी आज करणी सेना और कालवी साहब के साथ खड़ा है ,,लेकिन एक बार देश का पूरा राजपूत समाज 6 महीने के लिये लोकेन्द्र सिंह जी कालवी साहब के साथ खड़ा हो जाये मेरा वादा है SC/ST एक्ट एक झटके में हट जायेगा,,, ,,,आरक्षण की समीक्षा हो जायेगी,,, अयोध्या में भगवान राम का राजमहल बन जायेगा!,,

, देश के राजपूत समाज ने 38 वर्ष लगातार भाजपा का दिल से साथ दिया है, एक बार अपने दिल से 6 महीने लोकेन्द्र सिंह जी कालवी और करणी सेना का साथ दे दो, दुनिया आपके कदमों में होगी!,,
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