भारत ने दिया नेपाल और बांग्लादेश को तगड़ा झटका, तीन लाख टन........
नई दिल्ली। भारत ने नेपाल और बांग्लादेश को तगड़ा झटका दिया है। भारत ने इन देशों से तीन लाख टन से ज्यादा रिफाइन्ड पाम ऑयल के आयात की मंजूरी रद्द कर दी है। दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौते (साफ्टा) के तहत, नेपाल और बांग्लादेश को भारत को पाम ऑयल बेचने के लिए आयात शुल्क नहीं चुकाना पड़ता है।
हालांकि, दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौते (साफ्टा) की जरूरी शर्त के मुताबिक दोनों देश खुद पाम ऑयल का उत्पादन नहीं करते हैं जिसकी वजह से भारत ने आयात को रद्द करने जैसा सख्त कदम उठाया है। नेपाल और बांग्लादेश से पाम ऑयल, मसाले और टायर समेत कई वस्तुओं पर आयात शुल्क नहीं लगता है लेकिन इसमें साफ्टा के कई प्रावधानों का दुरुपयोग किया जा रहा था।
आयात में गड़बड़ी ये है कि ये देश खुद इन चीजों का उत्पादन नहीं करते हैं। कुछ लालची आयातक और व्यापारी अपने सामान को इन देशों के जरिए भारत को बेचने की कोशिश करते हैं ताकि मुक्त व्यापार समझौते के तहत इन देशों को आयात शुल्क में मिलने वाली छूट हासिल कर सकें।
साफ्टा समझौते में शामिल कई देशों में दूसरी जगहों से आए सामान पर बहुत ही कम आयात शुल्क या बिना किसी शुल्क के आयात लिया जाता है। भारतीय कारोबारी बी वी मेहता ने रॉयटर्स एजेंसी को बताया, 'इतने सालों से नेपाल और बांग्लादेश से उत्पादन के स्रोत के नियम का उल्लंघन करते हुए पाम ऑयल का आयात जारी था। नियम के मुताबिक, जहां से निर्यात किया जा रहा है, उसी देश में सामान का उत्पादन भी होना चाहिए। आखिरकार केंद्र सरकार ने इस तरह के आयात पर नकेल कसने का कदम उठा ही लिया।
इन देशों से पाम ऑयल आयात करने के लिए अधिकृत 39 लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। इनमें से ज्यादातर लाइसेंस पश्चिम बंगाल और बिहार के आयातकों के हैं. इन परमिट के जरिए सबसे ज्यादा आयात नेपाल से ही होना था। तीन लाख टन पाम ऑयल में से 2.93 लाख टन नेपाल से और 12,000 टन पाम ऑयल का आयात बांग्लादेश से किया जाना था।
नई दिल्ली। भारत ने नेपाल और बांग्लादेश को तगड़ा झटका दिया है। भारत ने इन देशों से तीन लाख टन से ज्यादा रिफाइन्ड पाम ऑयल के आयात की मंजूरी रद्द कर दी है। दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौते (साफ्टा) के तहत, नेपाल और बांग्लादेश को भारत को पाम ऑयल बेचने के लिए आयात शुल्क नहीं चुकाना पड़ता है।
हालांकि, दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौते (साफ्टा) की जरूरी शर्त के मुताबिक दोनों देश खुद पाम ऑयल का उत्पादन नहीं करते हैं जिसकी वजह से भारत ने आयात को रद्द करने जैसा सख्त कदम उठाया है। नेपाल और बांग्लादेश से पाम ऑयल, मसाले और टायर समेत कई वस्तुओं पर आयात शुल्क नहीं लगता है लेकिन इसमें साफ्टा के कई प्रावधानों का दुरुपयोग किया जा रहा था।
आयात में गड़बड़ी ये है कि ये देश खुद इन चीजों का उत्पादन नहीं करते हैं। कुछ लालची आयातक और व्यापारी अपने सामान को इन देशों के जरिए भारत को बेचने की कोशिश करते हैं ताकि मुक्त व्यापार समझौते के तहत इन देशों को आयात शुल्क में मिलने वाली छूट हासिल कर सकें।
साफ्टा समझौते में शामिल कई देशों में दूसरी जगहों से आए सामान पर बहुत ही कम आयात शुल्क या बिना किसी शुल्क के आयात लिया जाता है। भारतीय कारोबारी बी वी मेहता ने रॉयटर्स एजेंसी को बताया, 'इतने सालों से नेपाल और बांग्लादेश से उत्पादन के स्रोत के नियम का उल्लंघन करते हुए पाम ऑयल का आयात जारी था। नियम के मुताबिक, जहां से निर्यात किया जा रहा है, उसी देश में सामान का उत्पादन भी होना चाहिए। आखिरकार केंद्र सरकार ने इस तरह के आयात पर नकेल कसने का कदम उठा ही लिया।
इन देशों से पाम ऑयल आयात करने के लिए अधिकृत 39 लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। इनमें से ज्यादातर लाइसेंस पश्चिम बंगाल और बिहार के आयातकों के हैं. इन परमिट के जरिए सबसे ज्यादा आयात नेपाल से ही होना था। तीन लाख टन पाम ऑयल में से 2.93 लाख टन नेपाल से और 12,000 टन पाम ऑयल का आयात बांग्लादेश से किया जाना था।
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