PM मोदी को भी चिंता में डाल दिया WHO के बयान ने, कहीं ऐसी बात.....

PM मोदी को भी चिंता में डाल दिया WHO के बयान ने, कहीं ऐसी बात.....






नई दिल्‍ली। बीते कुछ दिनों से कोरोना का सितम लोगों पर ऐसा पड़ा कि देश के बड़े से बड़े शहर को लॉकडाउन होना पड़ गया। दिल्ली हो या मुंबई तमाम शहरों को 31 मार्च तक के लिए लगभग बंद कर दिया है। ऐसा नहीं है सिर्फ भारत ने इस प्रकार के कदम उठाए है, दुनिया के कई देशों ने अपने लोगों की आवाजाही और घरों से निकलने में पाबांदी लगा दी है।
हालांकि, इतने तमाम इंतजाम करने के बाद डब्ल्यूएचओ यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बयान जारी कर नई सिरदर्द बढ़ा दी है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, WHO के माइक रायन ने अपने एक बयान में कहा है कि सिर्फ लॉकडाउन ही कोरोना को रोकने के लिए काफी नहीं है, इस वक्त जरूरत है कि जो लोग बीमार हैं और इससे पीड़ित हैं उन्हें ढूंढें और निगरानी में रखा जाए, तभी इसको रोका जा सकता है। घर में बंद रखने से इसपर इतना असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने साफ कहा, लॉकडाउन के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि जब ये खत्म होगा तो लोग अचानक बड़ी संख्या में बाहर निकलेंगे और फिर खतरा बढ़ जाएगा। अगर एक एंगल से डब्ल्यूएचओं की बातों में गौर करें तो, बात कई हद तक सही बैठती है, क्योंकि न तो सरकार को मालूम है और ना ही घर में मौजूद लोगों को कि वो खुद इस बीमारी से दूर है या नहीं। अगर सहीं में लोगों को जल्दी जांच नहीं हुई। तो वक्त के साथ इसे फैलने में देर नहीं लगेगा।





नई दिल्‍ली। बीते कुछ दिनों से कोरोना का सितम लोगों पर ऐसा पड़ा कि देश के बड़े से बड़े शहर को लॉकडाउन होना पड़ गया। दिल्ली हो या मुंबई तमाम शहरों को 31 मार्च तक के लिए लगभग बंद कर दिया है। ऐसा नहीं है सिर्फ भारत ने इस प्रकार के कदम उठाए है, दुनिया के कई देशों ने अपने लोगों की आवाजाही और घरों से निकलने में पाबांदी लगा दी है।
हालांकि, इतने तमाम इंतजाम करने के बाद डब्ल्यूएचओ यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बयान जारी कर नई सिरदर्द बढ़ा दी है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, WHO के माइक रायन ने अपने एक बयान में कहा है कि सिर्फ लॉकडाउन ही कोरोना को रोकने के लिए काफी नहीं है, इस वक्त जरूरत है कि जो लोग बीमार हैं और इससे पीड़ित हैं उन्हें ढूंढें और निगरानी में रखा जाए, तभी इसको रोका जा सकता है। घर में बंद रखने से इसपर इतना असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने साफ कहा, लॉकडाउन के साथ सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि जब ये खत्म होगा तो लोग अचानक बड़ी संख्या में बाहर निकलेंगे और फिर खतरा बढ़ जाएगा। अगर एक एंगल से डब्ल्यूएचओं की बातों में गौर करें तो, बात कई हद तक सही बैठती है, क्योंकि न तो सरकार को मालूम है और ना ही घर में मौजूद लोगों को कि वो खुद इस बीमारी से दूर है या नहीं। अगर सहीं में लोगों को जल्दी जांच नहीं हुई। तो वक्त के साथ इसे फैलने में देर नहीं लगेगा।
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