राहुल गांधी बोले- राज्यों को साथ लेकर चले केंद्र, पीएमओ से नहीं लड़ी जा सकती कोरोना से लड़ाई नई दिल्ली। केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार से लॉकडाउन के बाद की रणनीति को साफ करने और राज्यों को साथ लेकर चलने पर जोर दिया है। कोरोना वायरस के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई प्रेस वार्ता में राहुल गांधी ने पत्रकारों को सवालों के जवाब में कहा कि इस वक्त वो सरकार को निशाना नहीं बनाएंगे लेकिन ये जरूर कहेंगे कि अब और देर नहीं होनी चाहिए और तुरंत ही लॉकडाउन, मजदूरों की वापसी और इकॉनमी को फिर से शुरू करने की योजना पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। शक्ति का बांटना जरूरी राहुल गांधी ने कहा है कि केंद्र के स्तर पर ही सारे फैसले होंगे तो हम कोरोना से लड़ाई हार जाएंगे। जरूरत इस बात की है कि राज्य ही नहीं बल्कि जिले के स्तर पर डीएम स्थिति को देखें और लॉकडाउन को लेकर रणनीति बनाएं। अभी देश में सामान्य हालात नहीं हैं, इस लड़ाई को जिले तक ले जाना जरूरी है। अगर पीएमओ में ये लड़ाई लड़ी जाएगी, तो लड़ाई हारी जाएगी। हमें कोरोना से लड़ने के लिए मजबूत सीएम, स्थानीय नेता, डीएम की जरूरत है। उन्होंने रेड, ग्रीन, ऑरेंज जोन की लिस्ट केंद्र से बनने पर भी सवाल किया और कहा कि इससे सही स्थिति नहीं पता चलती, इसकी जिम्मेदारी राज्य को दी जाए। राहुल गांधी ने कहा, कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने हमें अपने राज्य की हालत बताई, केंद्र से पैसा नहीं मिल रहा है। सरकार सोच रही है कि अगर तेजी से पैसा खर्च करना शुरू कर देंगे, तो रुपये की हालत खराब हो जाएगी लेकिन सरकार को इस वक्त रिस्क लेना होगा, क्योंकि जमीनी स्तर पर पैसा पहुंचाना जरूरी है। सरकार जितना सोच रही है, उतना हमारा समय बर्बाद हो रहा है। ये सरकार की आलोचना का समय नहीं राहुल गांधी ने कहा, फिलहाल सरकार की आलोचना करने का समय नहीं है, लेकिन सरकार को लॉकडाउन हटाने पर फैसला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को फौरन लोगों के परिवार के लिए साढ़े सात हजार रुपए की राशि देनी चाहिए। एमएसएमई को क्रेडिट सुरक्षा योजना, छह महीने की ब्याज सब्सिडी देने की जरूरत है। वहीं, बड़े बिजनेस को भी सुरक्षा देने की आवश्यकता है। प्रवासी मजदूरों की मदद को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि न्याय योजना की मदद से लोगों के हाथ में पैसा देना शुरू करें, इससे 65 हजार करोड़ का खर्च आएगा। लॉकडाउन पर स्थिति स्पष्ट हो राहुल गांधी ने कहा कि अब सरकार को बताना चाहिए कि क्या हो रहा है, जनता को बताना होगा कि आखिर लॉकडाउन कब खुलेगा? लोगों को बताना जरूरी है कि किस परिस्थिति में लॉकडाउन खोला जाएगा। राहुल ने ये भी कहा कि कोरोना वायरस की बीमारी ज्यादा उम्र के लोगों और कुछ खास बीमारियों का सामना कर रहे लोहों को लिए ज्यादा खतरनाक है। ये करीब एक फीसदी के लिए खतरनाक है, बाकी 99 फीसदी के मन में डर का माहौल है। इस पर भी काम किए जाने की जरूरत है कि माहौल में एक बदहवासी का माहौल ना बने। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा, सरकार विपक्ष की बात नहीं सुनती है लेकिन हमने सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं।छोटे कारोबारियों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया जाए और लॉकडाउन को खोलने की तैयारी की जानी चाहिए। प्रवासी मजदूर, गरीब, छोटे कारोबारियों को आज पैसे की जरूरत है, वरना नौकरी जाने की सुनामी आ जाएगी।


राहुल गांधी बोले- राज्यों को साथ लेकर चले केंद्र, पीएमओ से नहीं लड़ी जा सकती कोरोना से लड़ाई



नई दिल्ली। केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार से लॉकडाउन के बाद की रणनीति को साफ करने और राज्यों को साथ लेकर चलने पर जोर दिया है। कोरोना वायरस के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई प्रेस वार्ता में राहुल गांधी ने पत्रकारों को सवालों के जवाब में कहा कि इस वक्त वो सरकार को निशाना नहीं बनाएंगे लेकिन ये जरूर कहेंगे कि अब और देर नहीं होनी चाहिए और तुरंत ही लॉकडाउन, मजदूरों की वापसी और इकॉनमी को फिर से शुरू करने की योजना पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
शक्ति का बांटना जरूरी
राहुल गांधी ने कहा है कि केंद्र के स्तर पर ही सारे फैसले होंगे तो हम कोरोना से लड़ाई हार जाएंगे। जरूरत इस बात की है कि राज्य ही नहीं बल्कि जिले के स्तर पर डीएम स्थिति को देखें और लॉकडाउन को लेकर रणनीति बनाएं। अभी देश में सामान्य हालात नहीं हैं, इस लड़ाई को जिले तक ले जाना जरूरी है। अगर पीएमओ में ये लड़ाई लड़ी जाएगी, तो लड़ाई हारी जाएगी। हमें कोरोना से लड़ने के लिए मजबूत सीएम, स्थानीय नेता, डीएम की जरूरत है। उन्होंने रेड, ग्रीन, ऑरेंज जोन की लिस्ट केंद्र से बनने पर भी सवाल किया और कहा कि इससे सही स्थिति नहीं पता चलती, इसकी जिम्मेदारी राज्य को दी जाए।
राहुल गांधी ने कहा, कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने हमें अपने राज्य की हालत बताई, केंद्र से पैसा नहीं मिल रहा है। सरकार सोच रही है कि अगर तेजी से पैसा खर्च करना शुरू कर देंगे, तो रुपये की हालत खराब हो जाएगी लेकिन सरकार को इस वक्त रिस्क लेना होगा, क्योंकि जमीनी स्तर पर पैसा पहुंचाना जरूरी है। सरकार जितना सोच रही है, उतना हमारा समय बर्बाद हो रहा है।
ये सरकार की आलोचना का समय नहीं
राहुल गांधी ने कहा, फिलहाल सरकार की आलोचना करने का समय नहीं है, लेकिन सरकार को लॉकडाउन हटाने पर फैसला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को फौरन लोगों के परिवार के लिए साढ़े सात हजार रुपए की राशि देनी चाहिए। एमएसएमई को क्रेडिट सुरक्षा योजना, छह महीने की ब्याज सब्सिडी देने की जरूरत है। वहीं, बड़े बिजनेस को भी सुरक्षा देने की आवश्यकता है। प्रवासी मजदूरों की मदद को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि न्याय योजना की मदद से लोगों के हाथ में पैसा देना शुरू करें, इससे 65 हजार करोड़ का खर्च आएगा।
लॉकडाउन पर स्थिति स्पष्ट हो
राहुल गांधी ने कहा कि अब सरकार को बताना चाहिए कि क्या हो रहा है, जनता को बताना होगा कि आखिर लॉकडाउन कब खुलेगा? लोगों को बताना जरूरी है कि किस परिस्थिति में लॉकडाउन खोला जाएगा।
राहुल ने ये भी कहा कि कोरोना वायरस की बीमारी ज्यादा उम्र के लोगों और कुछ खास बीमारियों का सामना कर रहे लोहों को लिए ज्यादा खतरनाक है। ये करीब एक फीसदी के लिए खतरनाक है, बाकी 99 फीसदी के मन में डर का माहौल है। इस पर भी काम किए जाने की जरूरत है कि माहौल में एक बदहवासी का माहौल ना बने।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा, सरकार विपक्ष की बात नहीं सुनती है लेकिन हमने सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं।छोटे कारोबारियों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया जाए और लॉकडाउन को खोलने की तैयारी की जानी चाहिए। प्रवासी मजदूर, गरीब, छोटे कारोबारियों को आज पैसे की जरूरत है, वरना नौकरी जाने की सुनामी आ जाएगी।


नई दिल्ली। केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार से लॉकडाउन के बाद की रणनीति को साफ करने और राज्यों को साथ लेकर चलने पर जोर दिया है। कोरोना वायरस के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई प्रेस वार्ता में राहुल गांधी ने पत्रकारों को सवालों के जवाब में कहा कि इस वक्त वो सरकार को निशाना नहीं बनाएंगे लेकिन ये जरूर कहेंगे कि अब और देर नहीं होनी चाहिए और तुरंत ही लॉकडाउन, मजदूरों की वापसी और इकॉनमी को फिर से शुरू करने की योजना पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
शक्ति का बांटना जरूरी
राहुल गांधी ने कहा है कि केंद्र के स्तर पर ही सारे फैसले होंगे तो हम कोरोना से लड़ाई हार जाएंगे। जरूरत इस बात की है कि राज्य ही नहीं बल्कि जिले के स्तर पर डीएम स्थिति को देखें और लॉकडाउन को लेकर रणनीति बनाएं। अभी देश में सामान्य हालात नहीं हैं, इस लड़ाई को जिले तक ले जाना जरूरी है। अगर पीएमओ में ये लड़ाई लड़ी जाएगी, तो लड़ाई हारी जाएगी। हमें कोरोना से लड़ने के लिए मजबूत सीएम, स्थानीय नेता, डीएम की जरूरत है। उन्होंने रेड, ग्रीन, ऑरेंज जोन की लिस्ट केंद्र से बनने पर भी सवाल किया और कहा कि इससे सही स्थिति नहीं पता चलती, इसकी जिम्मेदारी राज्य को दी जाए।
राहुल गांधी ने कहा, कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने हमें अपने राज्य की हालत बताई, केंद्र से पैसा नहीं मिल रहा है। सरकार सोच रही है कि अगर तेजी से पैसा खर्च करना शुरू कर देंगे, तो रुपये की हालत खराब हो जाएगी लेकिन सरकार को इस वक्त रिस्क लेना होगा, क्योंकि जमीनी स्तर पर पैसा पहुंचाना जरूरी है। सरकार जितना सोच रही है, उतना हमारा समय बर्बाद हो रहा है।
ये सरकार की आलोचना का समय नहीं
राहुल गांधी ने कहा, फिलहाल सरकार की आलोचना करने का समय नहीं है, लेकिन सरकार को लॉकडाउन हटाने पर फैसला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को फौरन लोगों के परिवार के लिए साढ़े सात हजार रुपए की राशि देनी चाहिए। एमएसएमई को क्रेडिट सुरक्षा योजना, छह महीने की ब्याज सब्सिडी देने की जरूरत है। वहीं, बड़े बिजनेस को भी सुरक्षा देने की आवश्यकता है। प्रवासी मजदूरों की मदद को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि न्याय योजना की मदद से लोगों के हाथ में पैसा देना शुरू करें, इससे 65 हजार करोड़ का खर्च आएगा।
लॉकडाउन पर स्थिति स्पष्ट हो
राहुल गांधी ने कहा कि अब सरकार को बताना चाहिए कि क्या हो रहा है, जनता को बताना होगा कि आखिर लॉकडाउन कब खुलेगा? लोगों को बताना जरूरी है कि किस परिस्थिति में लॉकडाउन खोला जाएगा।
राहुल ने ये भी कहा कि कोरोना वायरस की बीमारी ज्यादा उम्र के लोगों और कुछ खास बीमारियों का सामना कर रहे लोहों को लिए ज्यादा खतरनाक है। ये करीब एक फीसदी के लिए खतरनाक है, बाकी 99 फीसदी के मन में डर का माहौल है। इस पर भी काम किए जाने की जरूरत है कि माहौल में एक बदहवासी का माहौल ना बने।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा, सरकार विपक्ष की बात नहीं सुनती है लेकिन हमने सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं।छोटे कारोबारियों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया जाए और लॉकडाउन को खोलने की तैयारी की जानी चाहिए। प्रवासी मजदूर, गरीब, छोटे कारोबारियों को आज पैसे की जरूरत है, वरना नौकरी जाने की सुनामी आ जाएगी।

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