लॉकडाउन 2 से देश को लगेगा इतना बड़ा झटका, इस रिपोर्ट को पढ़कर उड़ेंगे मोदी और शाह के होश

लॉकडाउन 2 से देश को लगेगा इतना बड़ा झटका, इस रिपोर्ट को पढ़कर उड़ेंगे मोदी और शाह के होश




गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को खत्म होने वाले लॉकडाउन को 3 मई तक विस्तार दे दिया है। यह निर्णय कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए किया गया है। यह ऐलान करते वक्त उन्होंने इस बात का भी संकेत दिया कि 20 अप्रैल से उन इलाकों में कुछ छूट दी जायेगी जो कोरोना वायरस से प्रभावित नहीं हुए है। उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए कि यह छूट कड़ी निगरानी के तहत मिलेगी। बार्कलेज ने पहले भी कहा था कि 3 हफ्ते के लॉकडाउन से भारत की इकोनॉमी को 120 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। लॉकडाउन को 3 मई तक विस्तार मिलने के बाद बार्कलेज ने अपने इस अनुमान को बढ़ाकर 234.4 अरब डॉलर कर दिया है।
विकास दर रहेगी 2.5 फीसदी
बार्कलेज ने पहले अनुमान व्यक्त किया था कि कैलेडर ईयर 2020 में भारत की विकास दर 2.5 फीसदी रहेगी लेकिन लॉकडाउन को 3 मई तक विस्तार मिलने के बाद बार्कलेज का अनुमान है कि कैलेंडर ईयर 2020 में देश की विकास दर जीरो हो जाएगी जबकि वित्त वर्ष के नजरिए से देखें तो वित्त वर्ष 2021 में देश की ग्रोथ रेट 3.5 फीसदी के पूर्वानुमान से घटकर 0.8 फीसदी पर आ जाएगी। इस ब्रोकरेज हाउस ने आगे कहा है कि चूंकि भारत कोरोना के खिलाफ अपनी इस लड़ाई में 3 मई तक के विस्तारित लॉकडाउन में आ गया है। इसलिए अब तक देश को होने वाला आर्थिक नुकसान भी पूर्व में लगाए गए अनुमान से कहीं ज्यादा होगा।
कई सेक्टर में नाकारात्मक प्रभाव
हालांकि भारत आधिकारिक रुप से अभी भी यह कह रहा है कि देश में कोरोना का संक्रमण दूसरे स्टेज में ही है यानी यहां अभी ये संक्रमण कम्युनिटी ट्रांसमिशन के स्तर पर नहीं पहुंचा है लेकिन देश में आवागमन पर लगाए गए प्रतिबंध उम्मीद से कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। खासतौर पर माइनिंग, एग्रीकल्चर, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर जैसे जरुरी क्षेत्रों में लॉकडाउन का नेगेटिव प्रभाव उम्मीद से कहीं ज्यादा है।
जून तक लॉकडाउन का अनुमान
ब्रोकरेज ने आगे कहा है कि यह अनुमान यह मान कर लगाए गए हैं कि लॉकडाउन जून के शुरुआती हफ्ते के दौरान समाप्त हो जाएगा और लॉकडाउन के बाद सभी अहम सेक्टर की गतिविधियों में हल्का उछाल आएगा। अगर स्थानीय स्तरों पर कोविड-19 के आउटब्रेक से बार-बार लॉकडाउन की जरुरत पड़ती है तो इकोनॉमी में रिकवरी की संभावनाएं धूमिल पड़ती जाएंगी।
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