Zomato का मामला इतना सीधा नही है जितना आप समझते हैं . " जब एक मुस्लिम ग्राहक ने ज़ोमॅटो का खाना मात्र इसलिए कैंसल किया कि वो चिकन धीरे धीरे गला रेत कर और तड़पा तड़पा के नही मारा गया था

# Zomato का मामला इतना सीधा नही है जितना आप समझते हैं . " जब एक मुस्लिम ग्राहक ने ज़ोमॅटो का खाना मात्र इसलिए कैंसल किया कि वो चिकन धीरे धीरे गला रेत कर और तड़पा तड़पा के नही मारा गया था यानी # हलाल नही था चूंकि उसके धर्म ने उसे केवल # हलाल मांस खाने की इजाजत दी है # झटका मांस नही . . . तो कस्टमर सपोर्ट अधिकारी ने माफी मांगते हुए ऑर्डर कैंसल किया और आगे की कार्यवाई करने का वचन भी दिया जबकि हिन्दू ग्राहक शुक्ल जी ने जब अपने धर्म की बात मान कर यानी मलेच्छ / यवन / मुस्लिम के हाथ का भोजन ग्रहण करने से मना किया तो कस्टमर केयर वाले ने ऑर्डर कैंसल करने से साफ मना कर दिया और कहा कि जो कारण आपने बताया है । उसके आधार पर आप ऑर्डर कैंसल नही कर सकते भोजन का कोई धर्म नही होता . " ये आर्डर कैंसल नही हो सकता और न ही आपको इसका कोई रिफंड ही मिलेगा आखिर ऐसा दोगलापन क्यों . जब एक मलेच्छ को उसके अ धर्म मे बताए अनुसार ही खाना देना उचित है . . . तो . . . हम अपने धर्म और वर्जनाओं / निर्देशों के हिसाब से भोजन क्यों नही खा सकते " ? ? ? # ज़ोमॅटो की इस दोगली नीति का विरोध और उसका बहिष्कार हर बुद्धिजीवी को करना ही चाहिए . . जय हिंद जय भारत
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